ओसीडी (OCD) क्या होता है

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Jagruti Rehab
Last Updated on: 24 Mar 2025

ओसीडी (OCD) क्या होता है? क्या आप बार-बार हाथ धोते हैं, चीज़ों को बार-बार जाँचते हैं या अनचाहे विचारों से परेशान रहते हैं? अगर हाँ, तो यह ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर (OCD) का संकेत हो सकता है। ओसीडी एक मानसिक विकार है जिसमें व्यक्ति अनचाहे विचारों (obsessions) और दोहराए जाने वाले व्यवहारों (compulsions) से ग्रस्त हो जाता है। यह समस्या व्यक्ति के दैनिक जीवन को प्रभावित कर सकती है और उसे अत्यधिक चिंता और तनाव में डाल सकती है।

इस ब्लॉग में हम ओसीडी के कारण, लक्षण, प्रकार, उपचार और इससे जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों को विस्तार से समझेंगे। अगर आप या आपका कोई करीबी इस समस्या से जूझ रहा है, तो यह लेख आपके लिए मददगार साबित हो सकता है।

ओसीडी (OCD) का अर्थ और परिभाषा

OCD यानी ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर (Obsessive-Compulsive Disorder) एक मानसिक विकार (mental disorder) है जिसमें व्यक्ति बार-बार आने वाले विचारों (obsessions) और कुछ विशेष व्यवहारों (compulsions) से प्रभावित होता है। इसे हिंदी में ओसीडी का अर्थ इस प्रकार समझा जा सकता है कि यह एक ऐसी मानसिक स्थिति है जिसमें व्यक्ति बार-बार एक ही तरह के विचारों और कार्यों को दोहराने के लिए मजबूर महसूस करता है।

ओसीडी के लक्षण (Symptoms of OCD)

ओसीडी के लक्षण मुख्य रूप से दो भागों में विभाजित किए जा सकते हैं:

(i) ऑब्सेशन (Obsession) – अनचाहे विचार

यह ऐसे विचार, धारणाएँ या छवियाँ होती हैं जो बार-बार दिमाग में आती हैं और व्यक्ति चाहकर भी इन्हें रोक नहीं पाता। कुछ सामान्य ओसीडी उदाहरण हैं:

  • बार-बार हाथ धोने या सफाई की चिंता
  • किसी चीज़ के क्रम या समानता को लेकर अधिक चिंता
  • बार-बार ताला, गैस, स्विच चेक करना
  • बीमारी या संक्रमण का डर
  • धार्मिक विचारों को लेकर अत्यधिक डर या अपराधबोध
  • किसी को नुकसान पहुंचाने का डर

(ii) कंपल्शन (Compulsion) – दोहराए जाने वाले व्यवहार

कंपल्शन का मतलब उन क्रियाओं से है जिन्हें व्यक्ति बार-बार करता है ताकि उसकी चिंता कम हो सके।

  • बार-बार हाथ धोना या नहाना
  • गिनती करना या किसी चीज़ को निश्चित संख्या में करना
  • बार-बार दरवाजा, ताला, गैस चेक करना
  • विशेष प्रार्थनाएँ या मंत्र बार-बार बोलना
  • हर चीज़ को एक विशेष क्रम में रखने की मजबूरी

ओसीडी के कारण (Causes of OCD)

ओसीडी होने के कई कारण हो सकते हैं। ओसीडी के कारण को तीन प्रमुख श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है:

(i) जैविक कारण (Biological Causes)

ओसीडी मस्तिष्क के कुछ हिस्सों के असंतुलन के कारण हो सकता है। न्यूरोट्रांसमीटर (Serotonin) के असंतुलन से यह समस्या उत्पन्न हो सकती है।

(ii) आनुवंशिक कारण (Genetic Factors)

यदि परिवार में किसी को OCD है, तो आने वाली पीढ़ी में भी यह समस्या होने की संभावना बढ़ जाती है।

(iii) पर्यावरणीय कारण (Environmental Causes)

  • बचपन में किसी मानसिक आघात या दुखद घटना का अनुभव
  • अत्यधिक तनावपूर्ण जीवनशैली
  • परवरिश में कठोरता या अनुशासन
  • संक्रमण (स्ट्रेप्टोकोकस बैक्टीरिया) के कारण भी कुछ बच्चों में OCD विकसित हो सकता है।

ओसीडी के प्रकार (Types of OCD)

  • कंटेमिनेशन ओसीडी (Contamination OCD): इसमें व्यक्ति को संक्रमण या गंदगी से अत्यधिक डर लगता है और वह बार-बार हाथ धोता या सफाई करता है।
  • चेकिंग ओसीडी (Checking OCD): व्यक्ति बार-बार ताला, गैस, लाइट स्विच, दरवाजा आदि चेक करता रहता है।
  • ऑर्डरिंग और अरेंजिंग (Ordering & Arranging OCD): इस प्रकार के ओसीडी में व्यक्ति हर चीज़ को एक विशेष क्रम में रखने की जरूरत महसूस करता है।
  • हार्म ओसीडी (Harm OCD): इसमें व्यक्ति को डर होता है कि वह किसी को नुकसान पहुँचा सकता है या किसी को चोट लग सकती है।
  • धार्मिक ओसीडी (Religious OCD): इसमें व्यक्ति को अत्यधिक धार्मिक विचार आते हैं और वह बार-बार प्रार्थना या मंत्र दोहराता है।

ओसीडी उपचार (Treatment of OCD)

(i) चिकित्सा (Therapy)

  • संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी (Cognitive Behavioral Therapy - CBT): यह थेरेपी OCD के विचारों को नियंत्रित करने में मदद करती है।
  • एक्सपोजर और रिस्पांस प्रिवेंशन (ERP): इसमें व्यक्ति को उसकी चिंता वाले कार्यों से बचने की रणनीति सिखाई जाती है।

(ii) दवाइयाँ (Medications)

SSRI (Selective Serotonin Reuptake Inhibitors) जैसे फ्लूऑक्सेटीन, सेरट्रालीन, और फ़्लुवोक्सामिन आदि दवाइयाँ ओसीडी उपचार में सहायक होती हैं।

(iii) जीवनशैली में बदलाव (Lifestyle Changes)

  • नियमित व्यायाम और योग
  • ध्यान और प्राणायाम
  • संतुलित आहार
  • नींद का ध्यान रखना
  • सामाजिक समर्थन (फैमिली और दोस्तों से बातचीत करना)

ओसीडी और भ्रम (OCD vs. Waham)

वहम और ओसीडी में अंतर यह है कि भ्रम (Delusion) एक मानसिक विकार है जिसमें व्यक्ति किसी झूठी चीज़ को सच मान लेता है, जबकि OCD में व्यक्ति को अपने विचारों का अजीब होना पता होता है, लेकिन वह उन्हें रोक नहीं पाता।

क्या ओसीडी आपको पागल बना सकती है?

नहीं, ओसीडी (ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर) आपको पागल नहीं बनाती। हालांकि, यह एक गंभीर मानसिक स्थिति है जो व्यक्ति के विचारों और व्यवहारों को अत्यधिक प्रभावित कर सकती है। ओसीडी वाले लोग अनचाहे विचारों (obsessions) और दोहराए जाने वाले व्यवहारों (compulsions) से ग्रस्त होते हैं, जिससे उन्हें गहरी चिंता और तनाव महसूस हो सकता है।

हालांकि, कई लोग इस डर से संघर्ष करते हैं कि उनकी स्थिति नियंत्रण से बाहर हो सकती है या वे अपनी सोच के कारण "पागल" हो सकते हैं। लेकिन वास्तविकता यह है कि ओसीडी एक मानसिक स्वास्थ्य विकार है, न कि कोई पागलपन (psychosis)। ओसीडी से पीड़ित व्यक्ति को अपने विचार अजीब लग सकते हैं, लेकिन वे वास्तविकता से जुड़े रहते हैं, जबकि मानसिक पागलपन (जैसे सिज़ोफ्रेनिया) में व्यक्ति भ्रम और वास्तविकता में अंतर नहीं कर पाता।

ओसीडी का सही उपचार किया जाए तो व्यक्ति सामान्य जीवन जी सकता है। संज्ञानात्मक व्यवहार थेरेपी (CBT), दवाइयाँ (SSRIs), और ध्यान जैसी तकनीकें इसे नियंत्रित करने में मदद कर सकती हैं। यदि आपको या आपके किसी प्रियजन को ओसीडी के लक्षण दिख रहे हैं, तो जल्द से जल्द मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से संपर्क करें।

किस हार्मोन की कमी से ओसीडी होता है?

ओसीडी (ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर) का एक प्रमुख कारण सेरोटोनिन (Serotonin) हार्मोन की कमी हो सकता है। सेरोटोनिन एक न्यूरोट्रांसमीटर है, जो मस्तिष्क में भावनाओं, मूड और सोचने की प्रक्रिया को नियंत्रित करने में मदद करता है। जब सेरोटोनिन का स्तर असंतुलित हो जाता है, तो व्यक्ति को अत्यधिक चिंता, दोहराए जाने वाले विचार और बाध्यकारी व्यवहार होने लगते हैं, जो ओसीडी के लक्षणों में शामिल हैं।

शोध से पता चला है कि सेरोटोनिन रीअपटेक इनहिबिटर (SSRI) दवाएँ, जैसे फ्लूऑक्सेटीन, सेरट्रालीन, और फ़्लुवोक्सामिन, ओसीडी के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकती हैं। ये दवाएँ मस्तिष्क में सेरोटोनिन के स्तर को बढ़ाने में सहायक होती हैं, जिससे ओसीडी से पीड़ित व्यक्ति को राहत मिलती है।

हालांकि, ओसीडी का कारण सिर्फ हार्मोनल असंतुलन ही नहीं होता, बल्कि आनुवंशिक और पर्यावरणीय कारण भी इसमें भूमिका निभाते हैं। इसलिए, यदि आपको ओसीडी के लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो किसी मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से परामर्श लेना महत्वपूर्ण है।

निष्कर्ष

OCD यानी ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर एक गंभीर मानसिक विकार हो सकता है जो व्यक्ति के जीवन को बहुत प्रभावित करता है। लेकिन सही उपचार, थेरेपी और जीवनशैली में बदलाव के ज़रिए इसे नियंत्रण में लाया जा सकता है। यदि आपको या आपके किसी प्रियजन को OCD के लक्षण दिखते हैं, तो जल्द से जल्द किसी मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से संपर्क करें।

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